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Friday 3 July, 2009

शादी करके फँस गया यार...

आपलोगों से क्या परदा..मैं यह ब्लॉग अन्दर से दरवाजा ठोककर आपलोगों के लिए तैयार कर रहा हूँ, डर है अगर श्रीमतीजी ने देख लिया तो अस्पताल पंहुचा देगी, हमले की आशंका के मद्देनजर ही तो दरवाजा अन्दर से ठोका है..औरतों के पास किचन में कई घातक हथियार सजे रहते हैं ..पता नहीं कब कौन सा उठा के हमला कर बैठे ? इसीलिए सर्तक रहता हूँ, क्योकि सर्तकता गई,दुर्घटना घटी! शादी से पहले हम शेर थे, अब सवा शेरनी आ गई है तो आटोमैटिक हमें गीदड़ बन जाना पड़ा है..भाई, आज का कार्टून बड़ा रिस्की है..हमने आपके लिए रिस्क उठाया भी है, अब आपका भी फर्ज बनता है कि कार्टून देखने के बाद अपना कमेन्ट दर्ज कर दे..और मेरे रिस्क कि लाज रख लें..आभार -----------------------------------------------------------

5 comments:

  1. ha..ha..ha..badhiya..bechaare ko koi claim bhee nahin milega...

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  2. bivi esi bhee hoti hai.....aah....

    patni pidit sangh main guhar lagao hujoor...

    suresh ji aap bhi smbhlkar rahna.....

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  3. rqEgkjh gjdr¨a dk irk mUgsa dSls yxk t¨ u©cr ;gka rd vkÃ

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  4. aapki harkaton kaa pataa unhen kaise chal gaya bhaiya jo naubat yahan tak ayeee...ayeeeee

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