जैसी की इस सरकार से
उम्मीदें थी, ठीक वैसा ही हुआ..
बढ़ा दिये पेट्रोल-डीजल के दाम! मेरी समझ से तो इसमे सरकार का कोई दोष नहीं है, सरकार हमलोगों ने ही तो चुनी है..अब ओखल में सिर डाला है तो मूसल से क्या डरना ? इसीलिए तो कह रहा हूँ...
भैयाजी बेच दो, कार-मोटरसायकिल...खरीद लो ओनली सायकिल...कार्टून देखिये, कमेंट्स दीजिये !
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bahut hi sundar post............
ReplyDeleteअरे सर हम तो एक घोडा खरीदने चले गए...घोडा देखते ही कहता है ..नहीं नहीं ..हम गधों को नहीं बैठाते हैं..सो अब सोच रहे हैं एक थो सायकल ही ......
ReplyDeletebahut sahi suresh ji........
ReplyDeletemain bhee soch raha hu bysycle le hi loo...
salah k liye dhanywad......
ek bar fir behtareen cartoon.....
bahut badhiya suresh ji
ReplyDeletehamne to cycle pahle hi kharid li .
रास्ता भी क्या है!!
ReplyDeleteमुझे आपका ब्लॉग बहुत अच्छा लगा! मुझे कार्टून बहुत पसंद है!
ReplyDeleteमेरे ब्लोगों पर आपका स्वागत है!
वाह वाह क्या बात है! मज़ा आ गया! बिल्कुल सही फ़रमाया आपने! मैंने तो अभी तक कुछ भी नहीं ख़रीदा पर साइकिल लेने कि सोच रही हूँ!
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ReplyDeleteमहंगाई इतनी है कि उसके लिये भी लोन लेना पड़ेगा
ReplyDeletesahi upay bataya hai
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