आज हमारे ब्लॉग पर अविनाश वाचस्पति जी के पप्पू मेहमान बनकर आए हैं, और अपनी वेदना भी साथ लायें हैं, हमने भी पप्पू की वेदना में अपनी वेदना जोड़ी है, हमारी जोड़ी आपको कैसी लगी? स्वागत है , आपके कमेंट्स का...!
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पप्पू के भगवान भूखे हैं ?
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पप्पू की पत्नी ने
पूछ लिया पप्पू से
वस्तुओं के भाव
आसमान पर
और शेयरों के भाव
डांवाडोल क्यूं ?
भगवान भूखे हैं
भाव के ओनली,
शेयरों की भूख
उन्हें नहीं है,
पेट और जेब
उनकी नहीं है।
इसलिए भाव
बढ़ चढ़ रहे हैं
आसमान की ओर,
भगवान जी वहीं
रहते हैं ना !
पप्पू के भगवान
भूखे हैं, समझे
बड़े अनूठे हैं।
महंगाई बढ़ रही
इसलिए नहीं
गिर रही न
गिरी है कभी
न गिरेगी।
-अविनाश वाचस्पति
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बहुत ख़ूब !
ReplyDeletewaah kya baat ! ye jugalbandi bhi ekdum mast rahi.
ReplyDeleteDhanyawaad.
बढ़िया पप्पू कथा. अविनाश जी को बधाई.
ReplyDeleteयह नही है पप्पू कथा
ReplyDeleteयह है आम आदमी की व्यथा