हम आपसे भला झूठ क्यों बोलें..आप तो हमारी
मर्द जाति के हो, हमारी भी दफ्तर में एक
फटाका सेक्रेटरी थी, फुर्सत में बड़ी काम आती थी
,(आपकी भी है क्या?) पता नहीं, दफ्तर के किस कलमुंहे ने हमारी बीवी को यह राज बता दिया, और
बीवी ने गरजते हुए हमसे कहा..........-------------------------------------------
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yah bhi badhiya hai ....par aapaka kya khyal hai jarur bataye.....ha ha ha ha ha ha ha ha ha
ReplyDeleteTit for tat
ReplyDeleteसही है
वाह !! हिसाब किताब बराबर !!
ReplyDeleteस्त्री को बराबरी का अधिकार मिलना चाहिए!!
ReplyDeleteसही मांग है...
ReplyDeleteइसमें इतना सोचने की क्या बात है..
हा हा हा हा हा हा