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Friday, 31 July 2009

अलबेला खत्री विवाद बंद हो.

आज लगातार तीन-चार दिनों से ढंग से कार्टून नहीं बना पर रहा हूँ। ब्लोगरों की आपसी जूतम-पैजार ने दिन का चैन और रातों की नींद उड़ा दी है। सभी पढ़े-लिखे ब्लोगर हैं। बावजूद , असभ्यता पर उतर आए हैं.(मेरा संकेत उनकी तरफ़ है जो अलबेला विवाद में रोटी सेंक रहे हैं) आप इंसान की बात तो छोडिये, गलतियाँ भगवान् से भी हुई है, अलबेलाजी ने शायद अपनी समझ से कोई गलती न की हो, पर बड़ी तादाद में लोग जब समझा रहे हैं कि, अलबेलाजी, आपने बड़ी गलती की है फिर भी अलबेलाजी इसे नजर अंदाज कर एक के बाद एक गलतिया करते ही जा रहे हैं तो हमें उन्हें स्नेह से समझाना होगा, उन्होंने अपने ब्लॉग पर -बहन चो, बहन चो, जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया यह कहकर कि- लोग खुलेआम, माँ -बहन करते चलते हैं, ये कैसी सभ्यता है? इसपर खत्री जी को मैं कहना चाहता हूँ- गंदों के साथ आप क्यों गन्दगी अपनाते हो, ऐसे गंदे गाली-गलोज वाले udharahan प्रस्तुत करने कि जरूरत ही क्या है ? माँ सरस्वती ने आपको अच्छा साहित्य लिखने कि ताकत दी है, आप उसका अनादर कर रहे हो, इस संसार में achhai और बुराइयाँ एक साथ चल रही हैं, तय हमें करना है, किसके साथ चलना है, मेरा तो ये मानना है कि - जिस जुबान पे सरस्वती का निवास होगा,उस जुबान पे गालियों का न नाम होगा। मैं दिल से आपका सम्मान करता हूँ, और चाहता हूँ, आप अपनी पुरानी हंसने-हँसाने कि राह पर वापस आ जायें, अगर आपको लगता है कि आपसे भूल हुई है तो माफ़ी मांग लेने में संकोच नहीं करना चाहिय, आगे आप ख़ुद समझदार हैं, मैंने आपके pakchh में भी टिप्पणी कि है, पर आप ख़ुद मामले को उलझाते चले जा रहे हो , आप चाहें तो सब ठीक हो जाएगा ,ये आपके हाथ में हैं ,ब्लोग्वानी परिवार के आप चहेते सदस्य हैं ,सबका प्यार आपको मिलेगा, बस आप पहल करके तो देखें। मैं सुरेश शर्मा आप सभी बहन-भाइयों से इस बात कि माफ़ी चाहता हूँ कि - मुझे भी कुछ गंदे शब्द इस्तेमाल करने पड़े.
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4 comments:

  1. aapne bilkul thik kaha ,mamla kya hai mujhe nahin pata.
    tensionpoint.blogspot.com se

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  2. pyaare bhaai !

    maine toh aaj subah uthte hi vah kaam kar liya jiske liye aap aadesh de rahe hain

    maine toh baakaayda apne blog par post k zariye yah kah k ek tarfaa shaanti kar lee hai kyonki jinki main dil se izzat karta hoon unme se ek sh. sameerlaalji aur dusre rajiv taneja ji ka myahi mat thaa ki vivaad khatm ho .....bhool chaaahe kisiki rahi ho..........

    ab main toh voh preakran chhod kar bahut aage ki soch rahaa hoon ............achha toh tab hai jab any mitra bhi ab thoda sahaj ho jaayen kyonki asahajtaa zyada der nahin rahni chaahiye
    ..is se swasthya kharaab ho sakta hai ....baaki apan toh masti baantne waale hain bhai...takleef nahin .......ha ha ha ha ha

    AAPKE CAARTOON BANAANE ME JO VIGHN AAYA USKE LIYE AAP BHI MUJHE KSHMAA KAR DENGE TOH MUJHE ACHHA LAGEGA....AUR EK CAARTOON BHI AISAA BANAAO JISE MAIN APNE BLOG PAR LAGA SAKOON, CHAAHE AAP USMEN MERA UPHAAS BHI UDA DO TOH BHI MUJHE AAPATTI NAHIN HOGI......HA HA HA HA .bus anand sabko aana chahiye

    aapki jai ho !

    -albela khatri

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  3. अलबेलाजी, आप मुझे शर्मिंदा न करें, मुझे बेहद ख़ुशी है की आपने इस विवाद की जड़ को ही काट डाला है, आपकी मैं उतनी ही इज्जत करता हूँ, जितनी की आप समीरजी की करते हैं, ऐसे में आपके लिए तरह-तरह के कमेंट्स मेरे लिए असहनीय हो चले थे,इसीलिए मैं भी विचलित हो गया था, खैर, अब सब ठीक हो गया है..बधाई !

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  4. चलिये, अंत भला तो सब भला..

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